Health Desk: मोटे अनाज यानी मिलेट्स का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो सके इसके लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए पहली बार मध्य प्रदेश सरकार मोटे अनाज कोदो और कुटकी में बोनस देने जा रही है. किसानों की उपज अब रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत खरीदी जाएगी. इसके लिए पंजीयन कराना होगा, जिसके बाद प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को बोनस दिया जाएगा.
कोदो चावल, जिसे कोदरा भी कहते हैं, एक प्रकार का अनाज है जो चावल जैसा दिखता है, लेकिन असल में यह एक बाजरा है। यह पौष्टिक, ग्लूटेन-मुक्त होता है और इसमें फाइबर, प्रोटीन और कई खनिज होते हैं, जो इसे चावल और गेहूं का एक स्वस्थ विकल्प बनाते हैं। इसे कई तरह के व्यंजनों जैसे दलिया, पुलाव और इडली में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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कोदो चावल के मुख्य बिंदु
यह क्या है: कोदो (Paspalum scrobiculatum) एक छोटा, गोल अनाज है जिसे छिलका उतारने के बाद चावल के रूप में खाया जाता है।
पोषक तत्व: यह प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और आवश्यक विटामिन व खनिजों से भरपूर होता है।
स्वास्थ्य लाभ:
यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है।
इसमें उच्च फाइबर होता है, जो पाचन के लिए अच्छा है और वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है।
उपयोग: कोदो चावल का उपयोग चावल की जगह पुलाव, दलिया, उपमा, इडली और अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है।
खेती: यह कम बारिश और शुष्क जलवायु में भी उग जाता है, और भारत में इसकी खेती 3,000 साल से भी ज्यादा पुरानी है।
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ध्यान देने योग्य बातें
कुछ स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों, जैसे हाइपोथायरायडिज्म, को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
इसे ज़्यादा मात्रा में खाने से अपच जैसी समस्या हो सकती है।










































